कोरबाछत्तीसगढ़

जांजगीर-चांपा से पृथक होकर कोरबा लोकसभा बना, तो हम बाहरी कैसे

0 भाजपा उम्मीदवार सरोज पाण्डेय के बयान पर सांसद ज्योत्सना का सवाल

 

0 महंत परिवार को बाहरी कहना जांजगीर-चांपा, सक्ती व सरागांववासियों का अपमान

 

कोरबा सांसद व कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना चरणदास महंत ने भाजपा उम्मीदवार सरोज पाण्डेय के बयान पर पलटवार कर कहा है कि सदा दिन दिल्ली में रहने वाली व दुर्ग से आकर कोरबा में चुनाव लडऩे वाली सरोज बेवजह की गलत बयानबाजी से जनता को गुमराह करने से बाज आएं। वे मुझे व महंत परिवार को बाहरी बता कर न सिर्फ कोरबा बल्कि सारागांव, सक्ती, जांजगीर-चाम्पावासियों का भी अपमान कर रही हैं जबकि उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोरबा लोकसभा पूर्व में अविभाजित जांजगीर लोकसभा का हिस्सा हुआ करता था और उससे पृथक होकर कोरबा लोकसभा तथा कांग्रेस की प्रदेश सरकार में सक्ती पृथक जिला का गठन हुआ है। अविभाजित जांजगीर लोकसभा के समय से मैं और मेरा पूरा महंत परिवार क्षेत्रवासियों की सेवा करते आए हैं और कोरबा संसदीय क्षेत्र की जनता का स्नेह व आशीर्वाद हमेशा से रहा है। फ्रीडम फाइटर व शिक्षक रहे स्व. बाबूजी के बारे में किसी प्रकार का टिप्पणी करना निंदनीय है।

ज्योत्सना महंत ने कहा कि जहां तक छत्तीसगढिय़ा बोलने की बात है, तो सरोज पाण्डेय कितना बेहतर बोल सकती हैं, मैं उन्हें इस बात के लिए चैलेंज देती हूं। कोरबा जिले के विकास के लिए महंत परिवार ने सदैव एक कदम आगे बढक़र काम किया है। आज यहां चुनाव लडऩे के लिए कोरबा की चिंता करने वाली सरोज पाण्डेय को उनके ही दुर्ग में जनता ने नकार दिया तो भाजपा ने कोरबा में उतारा है। सरोज पाण्डेय भी 5 साल तक कोरबा लोकसभा की पालक सांसद रहीं और वे तो हमेशा दिल्ली में रहीं है लेकिन कोरबा के लिए न तो कभी आवाज उठाई और न ही किसी योजना के लिए मजबूती से जनता की बात रखी। कोरोना काल में भी वे अपने कोरबा क्षेत्र में कहीं नजर नहीं आई। जनता यात्री ट्रेन की सुविधाओं के लिए आंदोलन पर आंदोलन करती रहीं लेकिन सरोज पाण्डेय ने पालक सांसद होने के नाते कोई भी सहयोग नहीं किया लेकिन मैंने बार-बार इस मद्दे पर सदन से लेकर रेलमंत्री का ध्यान आकर्षण कराया है। भाजपा की सरकार कोरबा में कांग्रेस का सांसद होने के कारण भेदभाव की नीति अपनाती रही, वरना और कौन से कारण हैं कि कोरबा के हक पर केन्द्र से डाका डाला जाता रहा।

ज्योत्सना महंत ने कहा मैंने अपने परिवार से राजनीति के जरिए जनता की सेवा करना सीखा है और इसी सेवा के रास्ते पर चलकर कोरबा संसदीय क्षेत्रवासियों का स्नेह हासिल किया है। जनता का स्नेह और पार्टी कार्यकर्ताओं के समर्पण के बूते मैं यह चुनाव लड़ रही हंू और जनता ही आशीर्वाद देकर पुन: संसद में भेजेगी।

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